Skip to main content

व्याकरण

व्याकरण (Grammar)की परिभाषा

व्याकरण- व्याकरण वह विद्या है जिसके द्वारा हमे किसी भाषा का शुद्ध बोलना, लिखना एवं समझना आता है।
वस्तुतः व्याकरण भाषा के नियमों का संकलन और विश्लेषण करता है और इन नियमों को स्थिर करता है। व्याकरण के ये नियम भाषा को मानक एवं परिनिष्ठित बनते हैं। व्याकरण स्वयं भाषा के नियम नहीं बनाता। एक भाषाभाषी समाज के लोग भाषा के जिस रूप का प्रयोग करते हैं, उसी को आधार मानकर वैयाकरण व्याकरणिक नियमों को निर्धारित करता है। अतः यह कहा जा सकता है कि-
व्याकरण वह शास्त्र है, जिसके द्वारा भाषा का शुद्ध मानक रूप निर्धारित किया जाता है।
व्याकरण के अंग :
व्याकरण हमें भाषा के बारे में जो ज्ञान कराता है उसके तीन अंग हैं- ध्वनि, शब्द और वाक्य।
व्याकरण में इन तीनों का अध्ययन निम्नलिखित शीर्षकों के अंतर्गत किया जाता है-
(1) ध्वनि-विचार (2) पद-विचार (3) वाक्य-विचार

व्याकरण के प्रकार

(1) वर्ण या अक्षर 
(2) शब्द 
(3)वाक्य
(1) वर्ण या अक्षर:- भाषा की उस छोटी ध्वनि (इकाई )को वर्ण कहते है जिसके टुकड़े नही किये सकते है।
जैसे -अ, ब, म, क, ल, प आदि।
(2) शब्द:- वर्णो के उस मेल को शब्द कहते है जिसका कुछ अर्थ होता है।
जैसे- कमल, राकेश, भोजन, पानी, कानपूर आदि।
(3) वाक्य:- अनेक शब्दों को मिलाकर वाक्य बनता है। ये शब्द मिलकर किसी अर्थ का ज्ञान कराते है।
जैसे- सब घूमने जाते है।
राजू सिनेमा देखता है।

हिन्दी व्याकरण की विशेषताएँ

हिन्दी-व्याकरण संस्कृत व्याकरण पर आधृत होते हुए भी अपनी कुछ स्वतंत्र विशेषताएँ रखता है। हिन्दी को संस्कृत का उत्तराधिकार मिला है। इसमें संस्कृत व्याकरण की देन भी कम महत्त्वपूर्ण नहीं है।

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (One Word Substitution) भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते है। जैसे- राम कविता लिखता है, अनेक शब्दों के स्थान पर हम एक ही शब्द 'कवि' का प्रयोग कर सकते है। दूसरा उदाहरण- 'जिस स्त्री का पति मर चुका हो' शब्द-समूह के स्थान पर 'विधवा' शब्द अच्छा लगेगा। इसी प्रकार, अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते है। यहाँ पर अनेक शब्दों के लिए एक शब्द के कुछ उदाहरण दिए जा रहे है:- ( अ ) अनुचित बात के लिए आग्रह- (दुराग्रह) अण्डे से जन्म लेने वाला- (अण्डज) आकाश को चूमनेवाला- (आकाशचुंबी) अपने देश से दुसरे देश में समान जाना- (निर्यात) अपनी हत्या स्वयं करना- (आत्महत्या) अवसर के अनुसार बदल जाने वाला- (अवसरवादी) अच्छे चरित्र वाला- (सच्चरित्र) आज्ञा का पालन करने वाला- (आज्ञाकारी) अपने देश से दुसरे देश में समान जाना- (निर्यात) अपनी हत्या स्वयं करना- (आत्महत्या) अत्यंत सुन्दर स्त्री- (रूपसी) आकाश को चूमने वाला- (गगनचुंबी) आकाश में उड़ने व...

हिन्दी भाषा का विकास

Hindi Language - हिन्दी भाषा हिन्दी भाषा का विकास 'हिंदी' विश्व की लगभग 3,000 भाषाओं में से एक है। आकृति या रूप के आधार पर हिन्दी वियोगात्मक या विश्लिष्ट भाषा है। भाषा-परिवार के आधार पर हिन्दी भारोपीय (Indo-European) परिवार की भाषा है। भारत में 4 भाषा-परिवार- भारोपीय, द्रविड़, आस्ट्रिक व चीनी-तिब्बती मिलते हैं। भारत में बोलनेवालों के प्रतिशत के आधार पर भारोपीय परिवार सबसे बड़ा भाषा-परिवार है। भाषा-परिवार भारत में बोलनेवालों का % भारोपीय 73% द्रविड़ 25% आस्ट्रिक 1.3% चीनी-तिब्बती 0.7% हिन्दी, भारोपीय/भारत-यूरोपीय के भारतीय-ईरानी (Indo-Iranian) शाखा के भारतीय आर्य (Indo-Aryan) उपशाखा की एक भाषा है। भारतीय आर्यभाषा (भा. आ.) को तीन कालों में विभक्त किया जाता है। नाम प्रयोग काल उदाहरण प्राचीन भारतीय आर्यभाषा (प्रा. भा. आ.) 1500 ई० पू० - 500 ई० पू० वैदिक संस्कृत व लौकिक संस्कृत मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा (म. भा. आ.) 500 ई० पू - 1000 ई० पालि, प्राकृत, अपभ्रंश आधुनिक भारतीय आर्यभाषा (आ. भा. आ.) 1000 ई० - अब तक हिन्दी ...

लोकोक्तियाँ

Lokokti (proverbs) लोकोक्तियाँ किसी विशेष स्थान पर प्रसिद्ध हो जाने वाले कथन को 'लोकोक्ति' कहते हैं। दूसरे शब्दों में- जब कोई पूरा कथन किसी प्रसंग विशेष में उद्धत किया जाता है तो लोकोक्ति कहलाता है। इसी को कहावत कहते है। उदाहरण- 'उस दिन बात-ही-बात में राम ने कहा, हाँ, मैं अकेला ही कुँआ खोद लूँगा। इन पर सबों ने हँसकर कहा, व्यर्थ बकबक करते हो, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता' । यहाँ 'अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता' लोकोक्ति का प्रयोग किया गया है, जिसका अर्थ है 'एक व्यक्ति के करने से कोई कठिन काम पूरा नहीं होता' । 'लोकोक्ति' शब्द 'लोक + उक्ति' शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- लोक में प्रचलित उक्ति या कथन'। संस्कृत में 'लोकोक्ति' अलंकार का एक भेद भी है तथा सामान्य अर्थ में लोकोक्ति को 'कहावत' कहा जाता है। 'लोकोक्ति' के लिए यद्यपि सबसे अधिक मान्य पर्याय 'कहावत' ही है पर कुछ विद्वानों की राय है कि 'कहावत' शब्द 'कथावृत्त' शब्द से विकसित हुआ है अर्थात कथा पर आधारित वृत्त, अतः 'कहावत...